बात बोलेगी: मास्क लगाएं, हाथ धोएं, देह दूरी बनाए रखें, वैक्सीन का इंतज़ार करें, और क्या?

उन्होंने एक शानदार घटिया किस्म की सड़कछाप शायरी से अपनी बात शुरू की और कहा- ‘आपदा के गहरे समंदर से निकलकर हम किनारे की तरफ बढ़ रहे हैं। ऐसा न हो जाए कि हमारी कश्ती वहां डूबी, जहां पानी कम था। हमें वैसी स्थिति नहीं आने देनी है’।