श्रद्धांजलि: आज आदिवासियों के हक में उठने वाली एक आवाज़ मौन हो गयी!

चौरासी वर्षीय फादर स्टेन स्वामी जीवन भर दलित आदिवासियों के लिए कार्यरत रहे। जेल जाने से पूर्व वे लगातार सभी सामाजिक मुद्दों पर सरकार के सामने हमेशा खड़े हुए। हमेशा गांधी के मूल्यों को लेकर अहिंसक रास्ते को सही मानते हुए वे काम करते रहे।