गरीबों को गरीबी की जवाबदेही से मुक्त कर के विमर्शकार क्या अपना अपराधबोध कम करते हैं?

अगर हम बनर्जी महोदय की बातें मान लेते हैं, तो हमें मानना होगा कि गरीबों का स्वभाव ही गरीबी के लिए जिम्मेदार है। तो क्या गरीबी एक चारित्रिक दुर्गुण है? यह एक नया विचार है जिस पर सब लोग सहमत नहीं हो सकते!