जस्टिस मिश्र ने कहा- “चोट खाये को मरहम लगाना ज़रूरी है” और फैसला सुरक्षित रख लिया!

भूषण की ओर से पेरवी कर रहे सीनियर एडवोकेट राजीव धवन और अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल को सुनने के बाद जस्टिस अरुण मिश्र ने सज़ा के फैसले को सुरक्षित रख लिया है। जस्टिस मिश्र 3 सितम्‍बर को रिटायर हो रहे हैं।