किसान आंदोलन: आज बेनतीजा वार्ताओं की एक और तारीख, लेकिन उसके बाद क्या?

तारीख पर तारीख की रणनीति न तो सिख दक्षिणपंथि‍यों को समझ आ रही है, न वाम धड़ों को। इससे आंदोलन के भीतर बेचैनी है। यह बेचैनी आज की वार्ता के बाद क्‍या शक्‍ल लेगी, कहना मुश्किल है।