UP : सरकारी स्कूलों का विलय कहीं शिक्षा का विसर्जन ना साबित हो जाए!

यह केवल एक प्रशासनिक निर्णय नहीं है, यह हमारे बच्चों की नियति से जुड़ा निर्णय है। जिस दिन गाँव के बच्चे शिक्षा से वंचित रह गए, उस दिन शहर की दीवारें भी नहीं बचेंगी। शिक्षा सबका हक है, न कि केवल उस बच्चे का जो कॉन्वेंट स्कूल जाता है।