महिला दिवस: नवउदारवादी व्यवस्था में स्त्री की आर्थिक मुक्ति का उलझा सवाल
एक भ्रम यह भी फैलाया जाता है कि नवउदारवादी अर्थव्यवस्था महिलाओं की आर्थिक मुक्ति का कारण बनेगी जबकि सच्चाई यह है कि इसके कारण संगठित क्षेत्र सिकुड़ा है और असंगठित क्षेत्र की शोषणमूलक प्रवृत्तियां खुलकर अपनाई जा रही हैं। ठेका पद्धति और संविदा नियुक्ति की परिपाटी बढ़ी है और महिलाएं इनका आसान शिकार बनी हैं क्योंकि निरीह, असंगठित महिलाओं से कम वेतन पर मनमाना काम लिया जा सकता है और जब चाहे इन्हें नौकरी से हटाया जा सकता है।
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