दक्षिणावर्त: सेकुलर खोल, बाइनरी बोल और अश्लीलताओं के बीच

हरेक घटना के पक्ष या विपक्ष में बैटिंग तो हो रही है, लेकिन किनारे बैठकर थोड़ी धूल बैठ जाने का इंतजार नहीं किया जा रहा है। राजनेताओं का तो समझ में आता है, लेकिन हम जैसे जो आम लोग हैं, उन्हें पंजाब पर राहुल गांधी को और हाथरस पर योगी आदित्यनाथ को घेरने में क्यों संकोच हो रहा है, यह समझ के बाहर है।