दिल्‍ली-23 जून, 2016 : ‘अपने जैसोंं’ के गिरोह और उठ खड़े होने की एक अदद धुन

पहला प्रफुल्‍ल बिदवई स्‍मृति पुरस्‍कार, 23 जून 2016, दिल्‍ली  दिल्‍ली मुझे पसंद है। इसलिए नहीं कि वह राहत देती है, इसलिए कि वह झकझोरती है। सोचने को मसाला देती है। …

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पिता पर एक लंबी कविता

मेरे भीतर दो पिता  अभिषेक श्रीवास्‍तव  पिता बनना इतना मुश्किल होगा मैंने सोचा भी न था मां कहती थी बचपन में जब बाप बनोगे तब पता चलेगा क्‍या पता चलेगा? …

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जल्‍द आ रहा है केवल जनपथ पर…

समाजवादी पार्टी से राज्‍यसभा में गए ठाकुर अमर सिंह ने कहा है कि जवाहरबाग में नक्‍सली थे। क्‍या आप जानना चाहेंगे अमर सिंह के नक्‍सली कैसे दिखते हैं? मीडिया कह …

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