एक आततायी भीड़ का शोकगान

नदीम असरार @_sufiyana_  आज भारत के सामने नैतिक रूप से दो परस्‍पर विरोधाभासी घटनाएं घट रही हैं: पहली, 1993 में मुंबई में हुए सिलसिलेवार बम धमाकों के दोषी याकूब मेनन …

Read More

याकूब मेमन: ”विस्‍थापित आक्रोश” का ताज़ा शिकार

आर. जगन्नाथन  1993 के मुंबई बम धमाकों में उसकी भूमिका के लिए याकूब मेमन को अगर फांसी पर चढ़ाया जाता है, तो यह एक बहुत भारी नाइंसाफी होगी और इससे …

Read More

नेपाल में गायः पवित्र जीव से राष्ट्रीय पशु तक

विष्‍णु शर्मा का यह लेख दो दिन पहले जब हमें प्राप्‍त हुआ, उस वक्‍त तक नेपाल के संविधान में ”धर्मनिरपेक्ष” शब्‍द पर कोई बहस प्रत्‍यक्ष नहीं थी, लेकिन 28 जुलाई …

Read More

गौमांस पर प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों का हनन – कुछ आयाम

पीपल्स यूनियन फॉर डैमोक्रैटिक राइट्स रिपोर्ट प्रकाशन – जुलाई 2015 गौमांस पर प्रतिबंध और मौलिक अधिकारों का हनन – कुछ आयाम भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अपने 2014 के चुनाव …

Read More

Banned and Damned: SIMI’s Saga with UAPA Tribunals

पीपल्स यूनियन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (रिपोर्ट प्रकाशन)                                                                                                                          8 जुलाई 2015 2001 से स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ़ इंडिया (सिमी) अनलॉफुल एक्टिविटीज़ (प्रिवेंशन) एक्ट (यूएपीए) के तहत एक प्रतिबंधित संगठन है …

Read More