क्रांतिवीर आज़ाद की आत्महत्या पुलिसिया थ्योरी?

राष्‍ट्रीय संवाद श्रृंखला – 1  शाह आलम  आज़ादी की तारीख कही जाने वाली 15 अगस्त, 1947 को 66 साल बीत जाने के बाद भी अवसरवादी ताक़तें आज़ादी के दीवाने शहीदों …

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पुर्जा-पुर्जा कट मरे, कबहूं न छाड़े खेत!

ज़मीन हड़प अध्‍यादेश के खिलाफ संसद मार्ग पर विशाल रैली, 24 फरवरी 2015  करीब तीन हफ्ते पहले की बात है जब दिल्‍ली की चुनावी सरगर्मी के बीच एक स्‍टोरी के …

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भूमि अधिग्रहण पर समझौते की गुंजाइश नहीं!

भूमि अध्यादेश को निरस्त करने की मांग से कोई समझौता नहीं ! भूमि अध्यादेश किसान-मजदूर विरोधी है, सरकार झूठे प्रचार में उलझा रही है     भूमि अध्यादेश से खाद्य सुरक्षा …

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हिंदू रहना, जीना और मर जाना देश की उत्‍पीडि़त जनता के साथ विश्‍वासघात है

विष्‍णु शर्मा  डाॅ. तुलसी राम ने अपने विचारों से बहुत से लोगों को प्रभावित किया। वे एक ऐसी शख्सियत थे जिनके साथ चंद पलों की मुलाकात लोगों के जीवन को …

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वक्त को और शाहिद आज़मियों की ज़रूरत

शाहिद आज़मी की पांचवीं बरसी पर ’लोकतंत्र, हिंसा और न्यायपालिका’ विषय पर व्याख्यान व्‍याख्‍यान देते वरिष्‍ठ पत्रकार आनंद स्‍वरूप वर्मा  लखनऊ, 11 फरवरी 2015. आतंकवाद के नाम पर कैद बेगुनाह मुस्लिम …

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सरे-आग़ाज़े मौसम में अंधे हैं हम…

दिल्‍ली, वसंत, कुछ अजनबी चेहरे और अनसुनी आवाज़ें  अभिषेक श्रीवास्‍तव  1 अभी दो दिन पहले दिल्‍ली से टहल-फिर कर रात में जब मैं घर लौट रहा था, तो अपनी गली …

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