विकास रैली की पोस्‍टमॉर्टम रिपोर्ट: दिल्‍ली, 29 सितंबर 2013

अभिषेक श्रीवास्‍तव हाल ही में एक बुजुंर्ग पत्रकार मित्र ने मशहूर शायर मीर की लखनऊ यात्रा पर एक किस्‍सा सुनाया था। हुआ यों कि मीर चारबाग स्‍टेशन पर उतरे, तो …

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नियमगिरि में ‘निज़ामुद्दीन’

अभिषेक श्रीवास्‍तव  दैनिक जनसत्‍ता में बीते 15 सितंबर को प्रकाशित रविवारी आवरण कथा ”नियमगिरि के नियम” की यह मूल प्रति है जिसे अखबार को भेजा गया था। मूल लेख में शीर्षक …

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वजूद की जंग: आखिरी किस्‍त

जरपा गांव में मोर्चा संभालने के लिए आते सीआरपीएफ के जवान  सोमवार 19 अगस्त, 2013  का दिन उस गांव के लिए शायद उसके अब तक के इतिहास में सबसे खास था। आंध्र …

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वजूद की जंग: चौथी किस्‍त

पत्रकार साथी अभिषेक रंजन सिंह के साथ ”ऊपर” के गांवों की ओर  हमें 16 अगस्त की सुबह ”ऊपर” जाना था और हमें भी अंगद ने यही बताया था कि वहां पैसा, मोबाइल, एटीएम, संपर्क, कुछ नहीं …

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वजूद की जंग: तीसरी किस्‍त

डोंगरियों की दुश्‍मन कंपनी वेदांता का लांजीगढ़ में मुख्‍य गेट  जब 15 अगस्त को देश भर में मनाई जा रही आज़ादी की सालगिरह का जश्न भी राजुलगुड़ा की चुप्पी को नहीं …

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वजूद की जंग: दूसरी किस्‍त

बढ़ती उम्र के साथ विकास की लहर निगल गई सोमनाथ की कला को  यहां हम जिस घर में रुके, वह गांव का इकलौता गैर-आदिवासी घर था। इसमें सोमनाथ गौड़ा (यहां गौड़ा …

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वजूद की जंग: पहली किस्‍त

अभिषेक श्रीवास्‍तव  नियमगिरि के पहाड़ों से लौटने के बाद बड़े संक्षेप में कुछ कहानियां मैंने लिखी थीं जिनमें एक प्रभात खबर और जनसत्‍ता में छपी। मेरे साथी अभिषेक रंजन सिंह …

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