बूढ़े गिद्ध का नया शिकार: विष्‍णु खरे बनाम व्‍यालोक पाठक

गुंटर ग्रास की कविता पर विष्‍णु खरे के हस्‍तक्षेप के बहाने जो बात-बहस शुरू हुई थी, उसमें निजी चिट्ठियों वाला सिलसिला और पहलू अब भी जारी है, अलबत्‍ता अब यह द्वंद्व …

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हिंदी लेखकों को वहम है कि मार्क्‍सवादी होना ही राजनीतिक होना होता है

रंजीत वर्मा गुंटर ग्रास की दुनिया भर में चर्चित कविता पर कल यानी रविवार 22 अप्रैल को हिंदी अखबारों ने खूब छापा। कई दिनों बाद, याद नहीं कि ऐसा पिछली …

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ईरान: सामराजी हमले की उलटी गिनती में सिनेमाई प्रतिरोध

रामजी यादव (गुंटर ग्रास की विवादित कविता पर विष्‍णु खरे की चिट्ठी के बहाने शुरू हुई बहस के नए-नए आयाम निकल कर आ रहे हैं। ईरानी सिनेमा किसी परिचय का …

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हिंदी साहित्‍य और गुल्‍लक भरने की सुविधाजनक राजनीति

अंजनी कुमार (पिछले दिनों गुंटर ग्रास की कविता पर आई कवि विष्‍णु खरे की चिट्ठी से एक बहस शुरू हुई। मोटे तौर पर इस बहस के दो आयाम हैं। पहला …

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गुड़गांव: पूंजीवाद की क़ब्रगाह?

ओरिएन्ट क्राफ्ट: आधुनिक टेक्सटाइल उद्योग में ठेका मजदूरी या बंधुआगीरी एक केस स्‍टडी   (अंजनी कुमार पिछले काफी लंबे समय से गुड़गांव के कारखानों और कंपनियों में मज़दूरों की स्थिति …

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मूर्खों सावधान, मैं सिंह हूं जो तुम्‍हें आहार बना सकता हूं: विष्‍णु खरे

विष्‍णु जी की अनुमति के बाद मैंने उनका पत्र और अपना जवाब जनपथ पर डाल दिया, लेकिन ऐसा लगता है कि बहस को अपने विवादास्‍पद राजनीतिक स्‍टैंड के संदर्भ में …

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जाहिल इज़रायल विरोधियों को नहीं दिखता ईरान का फासीवाद : विष्‍णु खरे

रविवार की सुबह एक अप्रत्‍याशित चिट्ठी मेलबॉक्‍स में आई। भेजने वाले का नाम विष्‍णु खरे और संदर्भ गुंटर ग्रास की मेरी अनूदित कविता को देख कर पहले तो लगा कि …

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गुंटर ग्रास की विवादित कविता हिंदी में: ‘जो कहा जाना चाहिए’

एक ऐसे वक्‍त में जब साहित्‍य और राजनीति की दूरी बढ़ती जा रही हो, जब लेखक-कवि लगातार सुविधापसंद खोल में सिमटता जा रहा हो, एक कविता के बदले जर्मन कवि …

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